Neem |
नीम का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटी बनाने में किया जा रहा है। स्वास्थ्य को लेकर भी इसके कई तरह के फायदे बताए जाते रहे है। नीम के पत्ते में बेहतरीन औषधीय गुण होते है। आज भी भारत के कई इलाकों में मानसिक बीमारी को दूर करने के लिए नीम के पत्तों से झाड़ा लगाया जाता है। अगर दांत का दर्द है, तो इसकी दातून का इस्तेमाल किया जाता है। अगर आपको कोई छूत की बीमारी है, तो नीम के पत्तों पर लिटाया जाता है, क्योंकि यह आपके सिस्टम को साफ कर ऊर्जा से भर देता है। चाहे आप इसकी हरी पत्तियों या तेल का सेवन करें, यह हर रूप में फायदेमंद होता है। आयुर्वेद और हाल के शोध में यह पाया गया है कि नीम का पेड़ कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकता है। आजकल बाजार में नीम के कैप्सूल भी आने लगे हैं। इन्हे भी कई तरह की शारीरिक परेशानियों से बचने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
त्वचा में निखार-
नीम में मुहांसों और तैलीय त्वचा को नियंत्रित करने संबंधीं गुण पाए जाते हैं। नीम में पाई जाने वाली कड़वाहट त्वचा के ऊपर के छिद्रों को फैलने से रोकती है। इसके अलावा इसमें एंटीबैक्टीरियल एवं एंटी-वायरल तत्व भी पाए जाते हैं। नीम के तेल की कुछ बूंदे चेहरे को सुंदर बना सकती हैं। इससे त्वचा में निखार भी आता है।
गठिया या आर्थराइटिस के इलाज में नीम की जड़ी-बूटियों का काफी उपयोग किया जाता है। खासतौर से ऑस्टियोआर्थराइटिस और रयूमेटाइड आर्थराइटिस में। यह जोड़ो की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। एक मुट्ठी नीम की पत्तियों को एक गिलास पानी में उबाल लें। अब पानी को छान लें और ठंडा होने दें। इस पानी का सेवन दिन में दो बार करें। ऐसा लगातार एक महीने तक करने से गठिया के दर्द और सूजन में काफी फायदा मिलेगा।
बैक्टीरिया नाशक -
हमारे चारो ओर बैक्टीरिया होते हैं। हमारा शरीर बैक्टीरिया से भरा हुआ हैं। एक सामान्य आकार के शरीर में लगभग दस खरब कोशिकाएं होती हैं और सो खरब से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। आप एक हैं, तो वे दस हैं। अपके भीरत इतने सारे जीव हैं कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते। इनमें से ज्यादातर बैक्टीरिया हमारे लिए फायदेमंद होते है। इनके बिना हम जिंदा नही रह सकते, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो हमारे लिए मुसीबत बन सकते हैं, तो वह हानिकारक बैक्टीरिया को आपकी आंतो में ही नष्ट कर देता है।
फंगल इंफेक्शन को नियंत्रित करने में कारगर -
नीम फंगल इंफेक्शन को नियंत्रित करने में काफी फायदमंद होता है। इसके लिए नीम के तेल को नारियल के तेल के साथ मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाए या फिर नीम के कैप्सूल को खोलकर उसके पदार्थ को ऑर्गेनिक नारियल तेल में मिलाएं। यह मिश्रण शरीर के किसी भी हिस्से में फगंल इन्फेक्शन को नियंत्रित करता हैं।
दिन में नीम के कैप्सूल को दो बार लेने से डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। नीम की पत्तियों के रस में ऐसे घटक पाए जाते हैं, जो डायबिटीस के मरीज की इन्सुलिन की जरूरत को कम करते है। इसके आलावा डायबिटीज से बचे रहने के लिए रोज सुबह 4 से 5 नीम की पत्तियों को चबाकर खा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार -
सादा पानी में नीम का एक कैप्सूल रोजाना रात में लेने से कोलेस्ट्राल की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। आप रोजाना सुबह पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर भी ले सकती हैं।
पेट की सूजन से आराम -
दिन में दो बार पानी के साथ नीम के कैप्सूल लेने से पेट की सूजन से आराम मिलता है। इसके अलावा यह आपकी डाइट को प्रोबायोटिक भी करता है। चाय और कॉफी के सेवन की मात्रा को कम करने का प्रयास करें।
साधना के लिए नीम -
नीम आपके सिस्टम को साफ रखने के साथ उसको खोलने में भी खासतौर से लाभकारी होता है। इन सबसे बढ़कर यह शरीर में गर्मी पैदा करता है। शरीर में इस तरह की गर्मी हमारे अंदर साधना के द्वारा तीव्र और प्रचंड ऊर्जा पैदा करने में बहुत मदद करती हैं।
नहाने में भी उपयोग -
उबले हुए पानी में नीम का पाउडर या नीम के कैप्सूल के अंदर का पदार्थ मिलाकर रातभर के लिए छोड़ दें। अब सुबह इस एंटीबैक्टीरियल पानी से नहाएं।
नीम के फायदे चेहरे और त्वचा के लिए
Reviewed by YoGi
on
9:24 PM
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Nice Article, Thank you for sharing a wonderful blog post, I loved your blog post.
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