व्यापार और उद्दयोग को बढ़ावा देने हेतु भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो सालो में कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई पुरानी और अच्छी योजना जो पहले से मौजूद हैं तो उन योजनाओ को ही और बेहतर बनाकर सामने लेकर आये। लेकिन इन पिछले दो वर्षो में योजनाओं के बूते जनता को क्या कुछ मिला, यह जानना भी बेहद जरूरी है। तो आइए एक नजर डालते है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछले दो सालो में लाई गई योजनाओं और उनसे जनता को मिलने वाले लाभ पर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाएं और उनके उद्देश्य
1) डिजिटल इंडिया:-
प्रधानमंत्री की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक डिजिटल इंडिया की शुरुआत 21 अगस्त 2014 को हुई। इस अभियान का मकसद भारत को एक इलेक्ट्रानिक अर्थव्यवस्था में बदलना है। सरकार की मंशा है कि सभी सरकारी विभाग और भारत की जनता एक दूसरे से डिजिटल रुप से या इलेक्ट्रानिक तौर पर जुड़ें ताकि प्रभावी प्रशासन चलाया जा सके।
इसका एक लक्ष्य कागजी कार्रवाई कम से कम करके सभी सरकारी सेवाओं को जनता तक इलेक्ट्रानिकली पहुचाना हैं।
सबसे महत्वपूर्ण यह कि इसके तहत देश के सभी गांवो और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटर्वक से जोड़ना है।
डिजिटल भारत के तीन प्रमुख घटक बताए गए हैं डिजिटल बुनियादी सुविधाएं, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं का डिजिटल वितरण।
सरकार का मत है कि ऐसा करने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे लाल फीताशाही का खात्मा होगा।
सरकार ई-गवर्नेंस और ई-क्रान्ति के जरिए तकनकी के माध्यम से जनता के कामकाज का जल्द से जल्द निस्तार करना चाहती है।
2) प्रधान मंत्री जन धन योजना :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। इसकी घोषणा उन्होंने 15 अगस्त 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी।
य़ह एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के शुरु होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 10,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया।
इस योजना के तहत अब तक 3102 करोड़ खाते खोले गए और उनमें करीब 1,500 करोड़ रुपये जमा किए गए।
इस योजना के अनूसार कोई भी व्यक्ति जीरों बैलेंस के साथ बैक खाता खोल सकता है।
RuPay डेबिट कार्ड की शुरुआत।
3) स्वच्छ भारत अभियान :-
प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को मंजूरी दी जो, पिछली सरकार द्वारा शुरु किए गए निर्मल भारत कार्यक्रम का संशोधित रुप है।
स्वच्छ भारत अभियान को औपचारिक रुप से महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को शुरु किया गया।
इसके तहत 2019 तक यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य किया गया हैं।
इसके तहत सरकार ग्रामीण और दूरस्य इलाको तक शौचालय और साफ सफाई की सुविधाएं पहुचाने का काम कर रही है।
इसमें जनता में सफाई के लिए, साफ सड़कों और गलियों के लिए, अतिक्रमण हटाने के लिए जागरुकता पैदा करना भी शामिल है।
शहरी विकास मंत्रालय ने हाल ही सबसे साफ शहरों की सूची जारी की, जिसमें मैसूर नंबर वन शहर बना। इसके बाद तिरुचिपल्ली और नवी मुंबई को क्रम से दूसरे और तीसरे नंबर पर रखा गया।
4) मेक इन इंडिया :-
मूल रुप से यह नारा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है। इसके तहत भरत में वैश्विक निवेश और विनिर्माण को आकर्षित करने की योजना बनाई गई, जिसे 25 सितंबर 2014 को लॉन्च किया गया। इसलिए शुरु किया गया, जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।
मेक इन इंडिया की कोशिश है। कि भारत एक आत्मनिर्भर देश बने। इसका एक उद्देश्य देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना और घाटे में चल री सरकारी कंपनियों की हालत दुरुस्त करना भी है।
मेक इन इंडिया अभियान पूरी तरह से केन्द्र सरकार के अधीन है। और सरकार ने ऐसे 25 सेक्टरों की पहचान की है, जिनमें ग्लोबल लीडर बनने की क्षमता है।
5) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना :-
इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने 1 मई 2016 को यूपी के बलिया से की।
उज्जवला योजना के तहत 3 करोड़ BPL परिवार की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया।
प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि आने वाले तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों को जहां लकडी का चूल्हा जलता है, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
6) सांसद आदर्श ग्राम योजना :-
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की।
इस योजना के मुताबिक, हर सांसद को साल 2019 तक तीन गांवों को विकसित करना होगा। इसकी थ्योरी यह है कि भारत के गांवों को भौतिक और संस्थागत बुनियादी ढ़ाचे के साथ पूरी तरह विकसित किया जा सके।
इस योजना के लिए कुछ दिशा-निर्देंश भी है, जिन्हें ग्रामीण विकास विभाग ने तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2014 को इन दिशा निर्देशों को जारी किया और सभी सांसदो से अपील की कि वे 2016 तक अपने संसदीय क्षेत्र में एक मॉडल गांव और 2019 तक दो और गांव तैयार करें।
7) अटल पेंशन योजना :-
प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता से उत्साहित देश की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखकर तैयार की गई मोदी सरकार की यह एक और अहम योजना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट भाषण में कहा था, दुखद है कि जब हमारी युवा पीढ़ी बूढ़ी होगी उसके पास भी कोई पेंशन नहीं होगी। यह योजना इसी कमी को दूर करने के लक्ष्य के साथ शुरु की गई। इससे ये सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी पडे़गी।
इस आदर्श बनाते हुए राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना 1 जून 2015 से प्रभावी हो गई। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेशन फायदों के दायरे में लाना हैं। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी।
8) बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं योजना :-
प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से इस योजना की शुरुआत की।
100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलें में शुरु की गई। हरियाणा मे जहां बाल लिंगानुपात (सीे एस आर) बेहद कम है, इस योजना का लक्ष्य लड़कियो को पढ़ाई के जरिेए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है।
सरकार के इस नजरिए से महिलाओं की कल्याण सेवाओं के प्रति जागरुकता पैदा करने और निष्पादन क्षमता में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
9) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना :-
गरीबी के खिलाफ लड़ाई और बेहतर रोजगार अवसर के लिए देश के लोगों खासकर युवाओं को कुशल बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।
15 जुलाई 2015 को इसकी शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा, अगर देश के लोगों की क्षमता को समुचित और बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार कौशल का प्रशिक्षण दे कर निखारा जाता है तो भारत के पास दुनिया के 4 से 5 करोड़ कार्यबल उपलब्ध करवाने की क्षमता होगी।
सरकार इसके तहत देश के इंडस्ट्रियल ट्रेनिगं सेंटर्स को बढ़ावा देती है, ताकि युवाओं को स्किलफुल बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाएं और उनके उद्देश्य
1) डिजिटल इंडिया:-
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Digital India |
इसका एक लक्ष्य कागजी कार्रवाई कम से कम करके सभी सरकारी सेवाओं को जनता तक इलेक्ट्रानिकली पहुचाना हैं।
सबसे महत्वपूर्ण यह कि इसके तहत देश के सभी गांवो और ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट नेटर्वक से जोड़ना है।
डिजिटल भारत के तीन प्रमुख घटक बताए गए हैं डिजिटल बुनियादी सुविधाएं, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं का डिजिटल वितरण।
सरकार का मत है कि ऐसा करने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे लाल फीताशाही का खात्मा होगा।
सरकार ई-गवर्नेंस और ई-क्रान्ति के जरिए तकनकी के माध्यम से जनता के कामकाज का जल्द से जल्द निस्तार करना चाहती है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। इसकी घोषणा उन्होंने 15 अगस्त 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी।
य़ह एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के शुरु होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 10,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया।
इस योजना के तहत अब तक 3102 करोड़ खाते खोले गए और उनमें करीब 1,500 करोड़ रुपये जमा किए गए।
इस योजना के अनूसार कोई भी व्यक्ति जीरों बैलेंस के साथ बैक खाता खोल सकता है।
RuPay डेबिट कार्ड की शुरुआत।
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प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को मंजूरी दी जो, पिछली सरकार द्वारा शुरु किए गए निर्मल भारत कार्यक्रम का संशोधित रुप है।
स्वच्छ भारत अभियान को औपचारिक रुप से महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को शुरु किया गया।
इसके तहत 2019 तक यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य किया गया हैं।
इसके तहत सरकार ग्रामीण और दूरस्य इलाको तक शौचालय और साफ सफाई की सुविधाएं पहुचाने का काम कर रही है।
इसमें जनता में सफाई के लिए, साफ सड़कों और गलियों के लिए, अतिक्रमण हटाने के लिए जागरुकता पैदा करना भी शामिल है।
शहरी विकास मंत्रालय ने हाल ही सबसे साफ शहरों की सूची जारी की, जिसमें मैसूर नंबर वन शहर बना। इसके बाद तिरुचिपल्ली और नवी मुंबई को क्रम से दूसरे और तीसरे नंबर पर रखा गया।
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मेक इन इंडिया की कोशिश है। कि भारत एक आत्मनिर्भर देश बने। इसका एक उद्देश्य देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देना और घाटे में चल री सरकारी कंपनियों की हालत दुरुस्त करना भी है।
मेक इन इंडिया अभियान पूरी तरह से केन्द्र सरकार के अधीन है। और सरकार ने ऐसे 25 सेक्टरों की पहचान की है, जिनमें ग्लोबल लीडर बनने की क्षमता है।
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प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि आने वाले तीन वर्षों में 5 करोड़ गरीब परिवारों को जहां लकडी का चूल्हा जलता है, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा।
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इस योजना के लिए कुछ दिशा-निर्देंश भी है, जिन्हें ग्रामीण विकास विभाग ने तैयार किया है। प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2014 को इन दिशा निर्देशों को जारी किया और सभी सांसदो से अपील की कि वे 2016 तक अपने संसदीय क्षेत्र में एक मॉडल गांव और 2019 तक दो और गांव तैयार करें।
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इस आदर्श बनाते हुए राष्ट्रीय पेंशन योजना के तौर पर अटल पेंशन योजना 1 जून 2015 से प्रभावी हो गई। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेशन फायदों के दायरे में लाना हैं। इससे उन्हें हर महीने न्यूनतम भागीदारी के साथ सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठाने की अनुमति मिलेगी।
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प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से इस योजना की शुरुआत की।
100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलें में शुरु की गई। हरियाणा मे जहां बाल लिंगानुपात (सीे एस आर) बेहद कम है, इस योजना का लक्ष्य लड़कियो को पढ़ाई के जरिेए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है।
सरकार के इस नजरिए से महिलाओं की कल्याण सेवाओं के प्रति जागरुकता पैदा करने और निष्पादन क्षमता में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
9) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना :-
गरीबी के खिलाफ लड़ाई और बेहतर रोजगार अवसर के लिए देश के लोगों खासकर युवाओं को कुशल बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई।
15 जुलाई 2015 को इसकी शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा, अगर देश के लोगों की क्षमता को समुचित और बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार कौशल का प्रशिक्षण दे कर निखारा जाता है तो भारत के पास दुनिया के 4 से 5 करोड़ कार्यबल उपलब्ध करवाने की क्षमता होगी।
सरकार इसके तहत देश के इंडस्ट्रियल ट्रेनिगं सेंटर्स को बढ़ावा देती है, ताकि युवाओं को स्किलफुल बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित प्रमुख योजनाएं और उनके उद्देश्य
Reviewed by YoGi
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