🌼 Prelims Facts 🌸
🌹 सथित न्यूट्रीनो वेधशाला को NGT का समर्थन (environmental clearance to INO)
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने भारत स्थित न्यूट्रीनो वेधशाला (India-based Neutrino Observatory- INO) को दी जाने वाली पर्यावरण संबंधी मंज़ूरी का समर्थन किया है।
पृष्ठभूमि
मार्च, 2018 में पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने इस परियोजना को मंज़ूरी दी थी लेकिन विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा दी गई मंज़ूरी को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि परियोजना के नियमों और वर्गीकरण के अनुसार, इस परियोजना का आकलन तमिलनाडु के राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (State Environment Impact Assessment Authority -SEIAA) द्वारा किया जाना चाहिये था न कि पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा।
लेकिन संयोगवश, SEIAA ने परियोजना का आकलन करने से इनकार कर दिया तथा इसे पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति को संदर्भित कर दिया।
हाल ही में NGT ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा की गई इस परियोजना के पर्यावरणीय आकलन को सही ठहराते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया।
यह दूसरी बार है जब INO का मामला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष पहुँचा इससे पहले NGT की चेन्नई खंडपीठ ने 2011 में दी गई पर्यावरण मंज़ूरी को इसलिये निलंबित कर दिया था क्योंकि यह परियोजना इडुक्की जिले के मथिकेत्तन शोला नेशनल पार्क के 5 किमी. के क्षेत्र के अंतर्गत आती थी और उस समय राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड के समक्ष मंज़ूरी के लिये कोई आवेदन नहीं किया गया था। तब NGT ने परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के अनुमोदन के साथ पर्यावरण मंज़ूरी लेने का निर्देश दिया था।
😍 भारत से पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंची नेपाल
भारत से पहली बार पैसेंजर ट्रेन पहुंचने पर नेपाल में हर्ष का माहौल है। 4 नवम्बर 2018 को ट्रायल के तहत ट्रेन बिहार के बथनाहा से नेपाल के मोरंग पहुंची, तो हजारों लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। ट्रेन के दोनों तरफ भारत और नेपाल के झंडे लगे थे। यह रूट 18.1 किलोमीटर का है, जिसका 13.1 किलोमीटर हिस्सा नेपाल में पड़ता है। इस परियोजना का अनुमानित खर्च 4,800 करोड़ रुपया है। यह राशि आर्थिक सहयोग के तहत भारत ने नेपाल को उपलब्ध कराई है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच ब्रॉड गेज पर पहले यात्री ट्रेन के इस साल दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। नई दिल्ली में रेलवे के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
👑 यह ट्रेन बिहार में जयनगर से नेपाल में जनकपुर जोन के धनुषषा जिले के कुर्था तक चलेगी। जयनगर--कुर्था रेलखंड की लंबाई 34 किलोमीटर है। सूत्रों ने बताया कि जयनगर में संभवत: एक आव्रजन चेक नाका बनाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी आव्रजन ब्यूरो या राज्य सरकार की होगी। इस रास्ते से आने-जाने के लिए भारतीय और नेपाली नागरिकों को वीसा की जरूरत नहीं होगी। नेपाली अधिकारियों ने रेलवे को सूचित किया है कि यह सेक्शन चार यात्राओं के लिए खुला रहेगा और आठ से 16 घंटे की शिफ्ट में काम करेगा। इस रूट पर पहली ट्रेन यात्री गाड़ी होगी, लेकिन नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि वे यात्री और माल गाड़ी दोनों चलाना चाहते हैं। नेपाल इस रूट के लिए भारत से रैक, कोच और अन्य चीजें लीज पर ले रहा है। इसे नेपाल के साथ रेल यातायात संपर्क जोड़ने के चीन के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। नेपाल और भारत के बीच चार अलग अलग स्थानों पर रेलवे लाइन बिछाने की योजना है, इनमें से एक रक्सौल को काठमांडू से जोड़ने वाला है।
🌹 सथित न्यूट्रीनो वेधशाला को NGT का समर्थन (environmental clearance to INO)
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने भारत स्थित न्यूट्रीनो वेधशाला (India-based Neutrino Observatory- INO) को दी जाने वाली पर्यावरण संबंधी मंज़ूरी का समर्थन किया है।
पृष्ठभूमि
मार्च, 2018 में पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने इस परियोजना को मंज़ूरी दी थी लेकिन विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा दी गई मंज़ूरी को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि परियोजना के नियमों और वर्गीकरण के अनुसार, इस परियोजना का आकलन तमिलनाडु के राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (State Environment Impact Assessment Authority -SEIAA) द्वारा किया जाना चाहिये था न कि पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा।
लेकिन संयोगवश, SEIAA ने परियोजना का आकलन करने से इनकार कर दिया तथा इसे पर्यावरण और वन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति को संदर्भित कर दिया।
हाल ही में NGT ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति द्वारा की गई इस परियोजना के पर्यावरणीय आकलन को सही ठहराते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया।
यह दूसरी बार है जब INO का मामला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष पहुँचा इससे पहले NGT की चेन्नई खंडपीठ ने 2011 में दी गई पर्यावरण मंज़ूरी को इसलिये निलंबित कर दिया था क्योंकि यह परियोजना इडुक्की जिले के मथिकेत्तन शोला नेशनल पार्क के 5 किमी. के क्षेत्र के अंतर्गत आती थी और उस समय राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड के समक्ष मंज़ूरी के लिये कोई आवेदन नहीं किया गया था। तब NGT ने परियोजना को राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के अनुमोदन के साथ पर्यावरण मंज़ूरी लेने का निर्देश दिया था।
😍 भारत से पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंची नेपाल
भारत से पहली बार पैसेंजर ट्रेन पहुंचने पर नेपाल में हर्ष का माहौल है। 4 नवम्बर 2018 को ट्रायल के तहत ट्रेन बिहार के बथनाहा से नेपाल के मोरंग पहुंची, तो हजारों लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। ट्रेन के दोनों तरफ भारत और नेपाल के झंडे लगे थे। यह रूट 18.1 किलोमीटर का है, जिसका 13.1 किलोमीटर हिस्सा नेपाल में पड़ता है। इस परियोजना का अनुमानित खर्च 4,800 करोड़ रुपया है। यह राशि आर्थिक सहयोग के तहत भारत ने नेपाल को उपलब्ध कराई है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच ब्रॉड गेज पर पहले यात्री ट्रेन के इस साल दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। नई दिल्ली में रेलवे के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
👑 यह ट्रेन बिहार में जयनगर से नेपाल में जनकपुर जोन के धनुषषा जिले के कुर्था तक चलेगी। जयनगर--कुर्था रेलखंड की लंबाई 34 किलोमीटर है। सूत्रों ने बताया कि जयनगर में संभवत: एक आव्रजन चेक नाका बनाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी आव्रजन ब्यूरो या राज्य सरकार की होगी। इस रास्ते से आने-जाने के लिए भारतीय और नेपाली नागरिकों को वीसा की जरूरत नहीं होगी। नेपाली अधिकारियों ने रेलवे को सूचित किया है कि यह सेक्शन चार यात्राओं के लिए खुला रहेगा और आठ से 16 घंटे की शिफ्ट में काम करेगा। इस रूट पर पहली ट्रेन यात्री गाड़ी होगी, लेकिन नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि वे यात्री और माल गाड़ी दोनों चलाना चाहते हैं। नेपाल इस रूट के लिए भारत से रैक, कोच और अन्य चीजें लीज पर ले रहा है। इसे नेपाल के साथ रेल यातायात संपर्क जोड़ने के चीन के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। नेपाल और भारत के बीच चार अलग अलग स्थानों पर रेलवे लाइन बिछाने की योजना है, इनमें से एक रक्सौल को काठमांडू से जोड़ने वाला है।
Prelims Facts:- सथित न्यूट्रीनो वेधशाला को NGT का समर्थन (environmental clearance to INO)
Reviewed by YoGi
on
6:43 AM
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