🍁 अरेसिबो मैसेज (Arecibo Message)
16 नवंबर, 1974 को शोधकर्त्ताओं ने पृथ्वी से बाहरी दुनिया के साथ संपर्क स्थापित करने के लिये एक रेडियो मैसेज भेजा था। 16 नवंबर, 2018 को इस प्रकार संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया के 44 वर्ष पूरा होने पर गूगल ने डूडल बनाकर उस दिन को याद किया है।यह संदेश प्यूर्टो रिको (Puerto rico) द्वीप स्थित अरेसिबो प्रयोगशाला से भेजा गया था जिसके चलते इसका नामकरण अरेसिबो मैसेज के रूप में किया गया।
इस प्रयोगशाला से तीन मिनट का एक इंटरस्टेलर रैडियो मैसेज पृथ्वी से बाहर भेजा गया था।
यह कुल 1,679 बाइनरी संख्याओं से बना एक मैसेज था जिसे पृथ्वी से 25,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित तारों के एक समूह, एम -13 पर भेजा गया था।
1,679 संख्या को चुनने का कारण यह था कि यह एक सहअभाज्य संख्या (दो अभाज्य संख्याओं का गुणनफल) है। जिसके चलते इसे आयताकार रूप में 23 स्तंभों और 73 पंक्तियों अथवा 73 स्तंभों और 23 पंक्तियों द्वारा व्यवस्थित किया का सकता है।
इस मैसेज को फ्रैंक ड्रेक नामक वैज्ञानिक ने लिखा था तथा मैसेज को लिखने में उनकी मदद अमेरिका के प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी कार्ल सैगन ने की थी।
यह मैसेज 7 हिस्सों में था-
1 से 10 तक संख्याएँ
हाइड्रोजन, कार्बन, नाइट्रोजन, और फ़ास्फ़रोस की परमाणु संख्या, इन सबसे मिलकर DNA बनता है
DNA न्यूक्लियोटाइड्स में पाए जाने वाले सुगर तथा क्षार (base) का फार्मूला।
DNA में उपस्थित न्यूक्लियोटाइड्स की संख्या और DNA के डबल हेलिक्स संरचना का चित्र।
एक इंसान का चित्र, एक इंसान का औसत आकार और पृथ्वी पर इंसान की आबादी।
सौर प्रणाली।
अरेसिबो रेडियो टेलिस्कोप प्रयोगशाला का चित्र तथा संदेश भेजने के लिये प्रयुक्त एंटीने का व्यास।
अरेसिबो मैसेज (Arecibo Message)
Reviewed by YoGi
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7:41 AM
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